क्या होता है ईटीएफ? (what is ETF?)

ईटीएफ (ETF)क्या है?

ईटीएफ या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड शेयरों के एक सेट में निवेश करते हैं. ये अमूमन एक खास इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. ईटीएफ म्यूचुअल फंड जैसे होते हैं. लेकिन, दोनों में बड़ा अंतर यह है कि ईटीएफ को केवल स्टॉक एक्सचेंज से खरीदा या बेचा जा सकता है. जिस तरह आप शेयरों को खरीदते हैं. ठीक वैसे ही आप एक्सचेंज के कारोबारी घंटों के दौरान ईटीएफ को भी खरीद सकते हैं.

इंडेक्‍स फंडों की तरह ईटीएफ अमूमन किसी खास मार्केट इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. इनका प्रदर्शन उस इंडेक्‍स जैसा होता है. यह इंडेक्स निफ्टी ईटीएफ जैसा शेयर मार्केट इंडेक्‍स हो सकता है या गोल्‍ड ईटीएफ जैसा कमोडिटी इंडेक्स या बॉन्‍ड ईटीएफ के तौर पर बॉन्‍ड मार्केट. एसेट मैनेजमेंट कंपनी ईटीएफ लॉन्‍च करती हैं. इन्‍हें किसी अन्‍य म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम की तरह ही पेश किया जाता है.

ईटीएफ में निवेश के लिए डीमैट के साथ ट्रेडिंग अकाउंट का होना जरूरी है. कोई व्यक्ति 3-इन-1 अकाउंट खोलने का भी विकल्प चुन सकता है. इसमें बैंक अकाउंट के साथ डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट की सुविधा मिलती है. इस तरह आप ज्यादा कुशलता के साथ एक ही जगह अपने निवेश को मैनेज कर पाते हैं. इस अकाउंट को खोलने के लिए एक फॉर्म भरना पड़ता है. साथ ही केवाईसी दस्तावेज भी जमा करने पड़ते हैं.

कारोबारी घंटों के दौरान ईटीएफ की मनचाही यूनिटें खरीदकर निवेश किया जा सकता है. निवेशक अपने ब्रोकर को निवेश का इंस्‍ट्रक्‍शन दे सकते हैं या ब्रोकर की ओर से उपलब्‍ध कराए जाने वाले ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्‍तेमाल कर निवेश कर सकते हैं.

जिस तरह दूध के दाम बढ़ जाने से पनीर और घी महंगे हो जाते हैं. ठीक वैसे ही ईटीएफ में भी इंडेक्स के चढ़ने-उतरने का असर होता है. यानी ईटीएफ का रिटर्न और रिस्क बीएसई सेंसेक्स जैसे इंडेक्स या सोने जैसे एसेट में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है.

ईटीएफ के पोर्टफोलियो में तमाम तरह की प्रतिभूतियां होती हैं. इनका रिटर्न इंडेक्स जैसा होता है.

ईटीएफ की पेशकश पहले एनएफओ के रूप में होती है. फिर ये शेयर बाजार में लिस्ट होते हैं. एनएफओ किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी की नई स्कीम होती है. इसके जरिये कोई म्यूचुअल फंड कंपनी शेयरों, सरकारी बॉन्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट में निवेश करने के लिए निवेशकों से पैसे जुटाती है. ट्रेडिंग पोर्टल या स्टॉक ब्रोकर के जरिये शेयर बाजार पर ईटीएफ की खरीद-फरोख्त होती है.

ईटीएफ के मूल्य वास्तविक समय में पता चल जाते हैं. यानी लेनदेन के समय ही इनके दामों का भी पता लग जाता है. जबकि म्यूचुअल फंडों के एनएवी के साथ यह नहीं होता है. एनएवी का कैलकुलेशन दिन के अंत में होता है.

किन बातों का रखें ध्‍यान?
- ईटीएफ पैसिव तरीके से मैनेज किए जाने वाले फंड हैं. लिहाजा, इनमें फंड मैनेजमेंट फीस एक्टिव मैनेज्‍ड म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम की तुलना में कम होती है.
दिन में खरीदे गए ईटीएफ के मूल्‍य और दिन के समाप्‍त होने पर ईटीएफ की एनएवी में अंतर हो सकता है. इसका कैलकुलेशन ईटीएफ में शामिल प्रतिभूतियों के बंद भाव के आधार पर होता है.


ईटीएफ में निवेश करने के लिए अभी नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके अपना डिमैट अकाउंट ओपन करें।

Comments

  1. Kya aap mere sath kam karna chahti hai to call Karen 7872983720

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